चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं, मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं हूं, अहमद फ़राज़ टैग : दिल शेयर कीजिए دل کو ڈھانپ لے، یہ راز ہے جاناں کا یہ درد ہے عشق کا، دوا نہیں ہوتا इक https://youtu.be/Lug0ffByUck